गंगासागर मेला

के लिए किए गए कुछ प्रयास

भारत एवं पड़ोसी देश नेपाल, भूटान एवं बांग्लादेश के लाखों-लाखों भक्तगण मंत्रोच्चारण करते हुए, आज के दिन प्रातःकाल से ही गंगासागर, जो ‘सागरद्वीप’ के नाम से भी जाना जाता है, में पवित्र स्नान के लिए एक-दूसरे को ढकेलते हुए अपनी जगह बनाने में व्यस्त रहते हैं। प्रत्येक साल, मकर संक्रांति के दिन, गंगा नदी एवं बंगाल की खाड़ी के मिलन स्थल में पावन डुबकी लगाने के लिए जनमानस का सैलाब उमड़ता है एवं वे कपिल मुनि के मंदिर में आराधना करते हैं। वर्ष 2018 में, गंगासागर मेला में प्रायः 15 लाख तीर्थयात्री दर्शन के लिए आए थे। वर्ष 2019 में, लगभग 20 लाख लोगों ने अपनी उपस्थिति से मेले की शोभा बढ़ायी थी एवं पूजा उपासना की थी।

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, संरक्षा, सहूलियत एवं सुगम पहुँच, प्रशासन के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती एवं जिम्मेदारी है क्योंकि यह मुख्य भूमि से नहीं जुड़ा हुआ है जैसा कि कुंभ मेला में देखने को मिलता है, इसलिए पावन सागर द्वीप में सर्वाधिक तीर्थयात्रियों को आकर्षित करना काफी जोखिम भरा होता है। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन को मुख्य भूमि से सागर तक के फासले को पाटने, तीर्थयात्रियों की सुविधाओं एवं सुगम पहुँच के लिए सुरक्षा के सभी मानदंडों को बनाए रखने की जरूरत पड़ती है। इसलिए प्रशासन ने " मिलन तीर्थ गंगासागर 2020 " के लिए मेला अवधि के दौरान तीर्थयात्री प्रबंधन के लिए कई प्रोटोकॉल (नयाचार) की शुरुआत की है।

  • प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ‘सागर सुरक्षा’ के नाम से वास्तविक समय में निगरानी प्रणाली शुरू किया है।
  • यह सॉफ्टवेयर अधिक भीड़ होने पर सतर्कता, अनधिकृत प्रवेश पर सतर्कता, आगे इकट्ठी होने वाली भीड़ के बारे में सतर्कता, धुआँ एवं आग के बारे में सतर्कता आदि की जानकारी देता है, इससे पुलिस एवं स्वयंसेवियों को बिना भीड़ इकट्ठा हुए, आसानी से लोगों को प्रवेश देने एवं निकासी में मदद मिलती है।
  • स्वचालित तरीके से किसी आशंका का पूर्वानुमान करने के लिए स्मार्ट मॉनिटर टेक्नोलॉजी की प्रदर्शनी की जाएगी।
  • हर मौसम में निर्बाध वॉयस ट्रान्समिशन का प्रबंध करने के लिए, ‘सागर संचार’ के नाम से एक वैकल्पिक कॉलिंग सिस्टम की पहल की गई है। वीएचएफ रेडियो टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए मेले में महत्वपूर्ण स्थानों पर इसका इंतजाम किया गया है।
  • विभिन्न स्थानों पर प्रमुख अधिकारीगण नियुक्त किये जाएंगे जो दो तरफा ट्रान्समिशन सिस्टम से जुड़े रहेंगे।
  • मेला कंट्रोल रूम से लगभग 40 कि.मी. की दूरी में 50 मैनपैक्स/प्रमुख अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।
  • तीर्थयात्रियों को एप के माध्यम से कॉल करने की सुविधा देने के लिए कई वाईफाई-बूथ स्थापित किए जाएंगे।
  • मेला एवं तीर्थयात्रियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए ‘ई-निरीक्षण’ के रूप में सीसीटीवी सर्विलान्स एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है।
  • विद्युत एवं आधारभूत संरचनात्मक उपकरणों के साथ 5 कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
  • 24x7 निगरानी के लिए आईपी, एनालॉग एवं ड्रोन चालित सीसीटीवी कैमरा का इस्तेमाल।
  • निर्दिष्ट स्थानों में ताजा एवं नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के साथ 10 बफर जोन को सर्विलान्स (निगरानी) के दायरे में रखा जाएगा।
  • पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता में बाबुघाट से सागर द्वीप तक 150 कि.मी. की दूरी में 1000 सीसीटीवी कैमरा लगवाया है एवं सुरक्षा पहलू के तौर पर लगभग 3,000 पुलिस मैन तैनात किए गए हैं एवं 20 सुरक्षा ड्रोन की सेवा ली गई है।
  • ‘ई-स्नान’ प्रशासन द्वारा शुरू की गई एक नई पहल, जिसकी मदद से लोग जीएस वेबसाइट के माध्यम से ‘लाइव गंगासागर’ देखते हुए अपनी सुविधानुसार गंगाजल से स्नान कर सकते हैं एवं ‘सही स्नान’ का एहसास ले सकते हैं।
  • ‘तीर्थ सामग्री पैक’ की शुरुआत की गई है जिसमें आप पाएंगे गंगा जल पात्र, प्रसाद एवं पवित्र टीका, इसकी बुकिंग वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती है, केवल डिलीवरी शुल्क लिया जाएगा।
  • अतिथि पथ के नाम से गंगासागर मोबाइल एप आरंभ किया गया है जो गंगासागर 2020 के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि किराया, रूट चार्ट, ज्वार-भाटा, पोत एवं पूजा की समयसूची के बारे में बताता है।
  • गंगासागर वेबसाइट एवं सोशल मीडिया पेज से जुड़ा यह एप एक टूर गाइड के रूप में मदद करता है।
  • सागर सुरक्षा सिस्टम से जुड़ा होने के कारण यह एप सुरक्षा एप के रूप में भी कार्य करेगा। इस एप का इस्तेमाल करते समय उपयोगकर्ता के वास्तविक समय के भौगोलिक स्थान को दर्शाया जाएगा एवं किसी भी आपात स्थिति में, उसके पास तुरंत पहुँचा जा सकेगा।
  • प्रशासन ने " वाहन दर्शन " के नाम से जीपीएस टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए संस्थापित क्षेत्र में वाहनों का यथा समय एवं सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए वाहन निगरानी एवं प्रबंधन प्रणाली शुरू किया है।
  • भौतिक निगरानी के अभाव के कारण, कई बार बस एवं लांच अपनी ड्यूटी के दौरान मध्यवर्ती लेन में मार्ग से भटक जाते हैं, इसलिए सभी बसों में एक जीपीएस उपकरण लगाया गया है जो हमें उनके आवागमन पर नज़र रखने में सक्षम बनाएगा। ऐसे में, यदि कोई वाहन लम्बे समय तक अपने मार्ग से भटक जाता है, तो मोबाइल रक्षक टीम वाहनों को सही रूट पर ले आएगी।
  • प्रशासन की ओर से १८००-३४५-२०२० टोल फ्री नंबर होगा। भारत के किसी भी हिस्से के लोग इस टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं यदि उनके पास गंगा सागर के बारे में कोई प्रश्न है।

    आउटडोर डिस्प्ले

  • तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगायी जाएगी, ‘ई-दर्शन’ के नाम से गंगासागर वीडियो को दर्शाया जाएगा। इन स्क्रीन से गंगासागर 2020 के साथ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में सभी संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी।
  • वेबसाइट एवं सोशल मीडिया

  • तीर्थयात्रियों की जागरूकता, सहूलियत एवं सुगम पहुँच के लिए बहुत ही सूचनाप्रद रूप में वेबसाइट तैयार किया गया है।
  • नए ज़माने की परस्पर प्रभावित मीडिया होने की वजह से यह मेला से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है एवं मेला प्रांगण से लाइव कवरेज का प्रसारण करता है।
  • एक समर्पित सोशल मीडिया पेज (फेसबुक एवं इंस्टाग्राम) की भी सुविधा देता है जो नवीनतम कार्यकलापों,गतिविधियों एवं मेला की तस्वीरों की झलकियाँ उपलब्ध कराता है।
  • यह एप ऐसे मंच के रूप में कार्य करता है जिसकी मदद से तीर्थयात्री राह चलते ताज़ा जानकारी से अवगत रहने के साथ एक-दूसरे को जागरूक, शिक्षित कर सकते हैं, परस्पर जुड़ सकते हैं एवं पूछताछ कर सकते हैं।
  • प्रशासन ने ‘खोया एवं पाया’ मामलों को कम करने के लिए तीर्थयात्रियों के सुविधार्थ ‘परिचय’ - क्यूआर रिस्ट बैण्ड की शुरुआत की है।
  • बफर जोन में बुजुर्गों एवं नाबालिगों को यह बैण्ड निःशुल्क प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने सहयोगियों से जुड़े रह सकें।
  • खोया एवं पाया मामलों में, स्वयंसेवी रिस्ट बैण्ड से उनका विवरण प्राप्त कर सकते हैं एवं डेटाबेस से मिलाकर देख सकते हैं।
  • गंगासागर बक्खाली विकास प्राधिकरण (जीबीडीए) एवं दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने गंगासागर मेला, 2020 को इको-फ्रेंडली, हरा-भरा एवं स्वच्छ बनाने का निश्चय किया है, इसके लिए मेला परिसर में एवं उसके आसपास एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक बैग, थर्मोकोल (ईपीएस) एवं कागज के प्लेट पर रोक लगाने के साथ वैकल्पिक इको-फ्रेंडली सामग्रियों का वितरण किया गया है। स्थानीय समुदाय की भागीदारी द्वारा जागरूकता अभियान के माध्यम से इको-फ्रेंडली गंगासागर मेला 2020 का प्रचार किया गया है। मेला प्रांगण के पास तटीय अंचल में समुद्री कचरा प्रबंधन के कार्यान्वयन हेतु विशेष रूप से मछुआरा समुदाय के युवा सदस्यों का क्षमता विकास किया गया।
  • मेला प्रांगण एवं सागर तट में और आसपास बायो-डिग्रेडेबल (स्वाभाविक रूप सड़नशील) एवं नॉन बायो-डिग्रेडेबल (स्वाभाविक रूप से गैर सड़नशील) सामानों का संग्रह, पृथक्करण एवं निपटान सेवा उपलब्ध होगी। मेला अंचल एवं समुद्री तट में नियमित आधार पर ठोस अपशिष्ट एवं ऊपर बह रहे कचरे के प्रबंधन कार्य का निष्पादन किया जाएगा।
दक्षिण २४ परगना जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षित एवं संरक्षित मिलन तीर्थ गंगासागर २०२० में सभी का हार्दिक स्वागत है।